गडकरी ने रविवार को विश्वास व्यक्त किया कि विद्युत वाहन (E Vehicle) में प्रयोग होने वाली लिथियम-आयन बैटरी (Lithium ion Battery) का भारत में मैन्यूफेक्चरिंग छह एक महीने में शुरू हो जाएगी। यही नहीं, आने वाले समय में देश बैटरी से चलने वाले वाहनों के मैन्यूफैक्चरिंग (E vehicle Manufacturing) के मामले में भी पहले स्थान पर होगा।

इलेक्ट्रिक व्हीकल (E Vehicle) के लिए जरूरी लिथियम आयन बैटरी (Lithium Ion Battery) के लिए अब हमें विदेशों पर आश्रित नहीं रहना होगा। ऐसा इसलिए कि अगले एक महीने में यहीं इसका निर्माण शुरू हो जाएगा। यही नहीं, तैयारी इतने विशाल स्तर पर है कि आने वाले समय में भारत इसे बनाने में नंबर वन हो जाएगा। यह जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने दी है।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को विश्वास व्यक्त किया कि विद्युत वाहन में प्रयोग होने वाली लिथियम-आयन बैटरी का भारत में मैन्यूफेक्चरिंग छह एक महीने में शुरू हो जाएगी। यही नहीं, आने वाले समय में देश बैटरी से चलने वाले वाहनों के मैन्यूफैक्चरिंग के मामले में भी पहले स्थान पर होगा। गडकरी ने बताया कि सरकार व्हीकल मैन्यूफैक्चरर्स को भारत में एक से अधिक प्रकार के ईधनों पर चलने वाली क्षमता के इंजन के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करना चाहती है। इस बारे में निर्माताओं के साथ बातचीत अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। वह आज यहां ऐमजॉन संभव 2021 सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। यह सम्मेलन वीडियो कांफ्रेस के जरिए आयोजित किया गया है। मंत्री ने बताया ‘भारत ई व्हीकल्स मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। आने वाले समय में इस क्षेत्र में देश पहले स्थान पर होगा। इस समय सभी प्रतिष्ठित ब्रांड भारत में उपस्थित हैं।’ गडकरी परिवहन एवं राजमार्ग के अलावा सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम मंत्रालय का भी कार्यभार देखते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में हरित ऊर्जा पैदा करने की बड़ी क्षमता है। उन्हें पूरा विश्वास है कि भारत छह महीने में ही शत प्रतिशत लिथियम-आयन बैटरी बनाने की स्थिति में होगा। उनका कहना है कि लीथियम की कोई कमी नहीं है।

उन्होंने बताया कि सरकार हाइड्रोजन फ्यूल सेल प्रौद्योगिकी शुरू करने की दिशा में भी काम कर रही है। इसमें हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के बीच रासायनिक क्रिया से विद्युत शक्ति पैदा की जाती है और वह वाहन के इंजन को चलाने में उपयोग की जाती है।इससे खनिज ईंधन की आवश्यकता नहीं पड़ती। उन्होंने बताया कि विद्युत वाहन से परिवहन प्रणाली को प्रदूषण मुक्त बनाया जा सकता है। गडकरी को उम्मीद है कि दो साल में विद्युत वाहनों की कीमत नीचे आएगी और वे मूल्य के मामलें में पेट्रोल और डीजल की गाड़ियों को टक्कर दे सकेंगी।