भाजपा से अलग होने के बाद नीतीश कुमार ने राज्यपाल के सामने 164 विधायकों के समर्थन का दावा किया था। आज उन्हें विधानसभा में इसी बहुमत को साबित करना होगा। हालांकि, स्पीकर विजय कुमार सिन्हा उनके सामने सियासी संकट खड़ा कर सकते हैं।

बिहार में महागठबंधन की सरकार भले ही बन गई हो, लेकिन यहां सियासी उठापटक कम होती नजर नहीं आ रही है। अब नीतीश-तेजस्वी के सामने विधानसभा स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने सियासी संकट खड़ा कर दिया है। उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने से इंकार कर दिया है। ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आज उन्हीं के सामने बहुमत साबित करना होगा।

दरअसल, बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद राजद-जदयू की सरकार बन चुकी है। अब भाजपा यहां विपक्ष की भूमिका में है। नई सरकार बनने के बाद आज विधानसभा में विशेष सत्र बुलाया गया है, जहां नीतीश कुमार को बहुमत साबित करना होगा। राजद और जदयू चाहते थे कि फ्लोर टेस्ट से पहले भाजपा विधायक और स्पीकर विजय कुमार सिन्हा को उनके पद से हटाया जाए, इसके लिए राजद विधायकों ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस भी दिया था, जिसे उन्होंने खारिज कर दिया। इसके बाद से राज्य में सियासी बवाल मच गया है।

164 विधायकों के समर्थन का किया था दावा

भाजपा से अलग होने के बाद नीतीश कुमार ने राज्यपाल के सामने 164 विधायकों के समर्थन का दावा किया था। आज उन्हें विधानसभा में इसी बहुमत को साबित करना होगा। माना जा रहा है कि नीतीश कुमार आसानी से बहुमत साबित कर लेंगे, लेकिन स्पीकर विजय कुमार सिन्हा उनके सामने सियासी मुसीबत खड़ी कर सकते हैं।

भाजपा गठबंधन वाली सरकार में बनाए गए थे स्पीकर

बिहार में भाजपा-जदयू गठबंधन वाली सरकार के समय भाजपा नेता विजय कुमार सिन्हा को विधानसभा का स्पीकर बनाया गया था। वहीं डिप्टी स्पीकर जदयू कोटे से महेश्वर हजारी को बनाया गया था। हालांकि, अब सरकार बदल चुकी है। नई सरकार चाहती है कि विजय कुमार सिन्हा अपने पद से इस्तीफा दें।

इंकार के बाद शुरू हुई बयानबाजी

विजय कुमार सिन्हा के स्पीकर पद से इस्तीफा देने से इंकार के बाद राज्य में सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है। डिप्टी स्पीकर महेश्वर हजारी ने स्पीकर सिन्हा पर हमला बोला है। उन्होंने कहा, अगर कोई पागल कुत्ता मुझे काटेगा, तो मैं उसे नहीं काटूंगा। मैं केवल इजाल करवा सकता हूं।