हाल ही में स्टॉक मार्केट में गिरावट दर्ज की गई और इस गिरावट को बीजेपी की लोकसभा सीटों में कमी से जोड़ा गया। इस संबंध में कई लोगों ने नर्वसनेस महसूस की और यह अटकलें लगाई गईं कि बीजेपी की सीटें कम होने की वजह से मार्केट बार-बार क्रैश हो रहा है।
हालांकि, कई विशेषज्ञों का मानना है कि इस गिरावट को चुनाव के परिणामों से जोड़ना सही नहीं है। पिछले अनुभवों के आधार पर देखा गया है कि मार्केट में इस तरह की गिरावट पहले भी कई बार हो चुकी है।
विशेषज्ञों का दृष्टिकोण
एक विशेषज्ञ का कहना है, “देखिए, स्टॉक मार्केट ने इससे भी बड़े गोते 16 बार लगाए हैं, इसलिए इसे चुनाव के साथ जोड़ना उचित नहीं है। हो सकता है कि अफ
वाहों और गलतफहमियों के कारण ऐसा हुआ हो, लेकिन यह सही तस्वीर पेश नहीं करता।”
उन्होंने आगे कहा, “6 जून से पहले अगर आप स्टॉक्स खरीदते हैं, तो 4 जून तक वो सूट अप करेगा। इस बार पुराने रिकॉर्ड फिर तोड़े जाएंगे और स्टॉक मार्केट 1 लाख के पार जा सकता है। हालांकि, मैं स्टॉक मार्केट के लिए कोई सटीक आकलन नहीं कर सकता, लेकिन सामान्यतः जब स्थिर सरकार आती है, तो स्टॉक मार्केट में वृद्धि होती है।”
स्थिर सरकार का प्रभाव
विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि मोदी जी की स्थिर सरकार के आने से बाजार में स्थिरता और वृद्धि देखी जा सकती है। एक विशेषज्ञ ने कहा, “मोदी जी की स्थिर सरकार आने वाली है, तो निश्चित रूप से बाजार ऊपर आएगा।”
निचोड़(solution)
कुल मिलाकर, स्टॉक मार्केट की हालिया गिरावट को केवल चुनाव परिणामों से जोड़ना सही नहीं होगा। मार्केट की गिरावट और वृद्धि कई अन्य कारकों पर निर्भर करती है। हालांकि, स्थिर सरकार का प्रभाव आमतौर पर बाजार पर सकारात्मक होता है और निवेशकों को इसके अनुसार अपने फैसले लेने चाहिए।
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