नमस्कार, मेरा नाम गौतम गुप्ता है और अगर आप सोच रहे हैं कि MRF का शेयर प्राइस इतना हाई क्यों है, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। MRF, जिसे मद्रास रबर फैक्ट्री के नाम से भी जाना जाता है, ने अपने शेयर प्राइस और मार्केट कैप को ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। आइए जानते हैं MRF की कहानी, उनकी स्ट्रैटेजी और इस शेयर की सफलता के पीछे के कारण।
दुनिया से अगर रबर गायब हो जाए तो क्या होगा?
कोई भी सेक्टर या इंडस्ट्री बिना रबर के नहीं चल सकती। स्टोन एज में पहिए का आविष्कार एक रिवोल्यूशन था, लेकिन जब 18वीं सदी में पहियों पर रबर लगाया गया तो ग्रोथ की रफ्तार सैकड़ों गुना बढ़ गई। इस ग्रोथ में इंडिया की टायर कंपनियों ने भी कमाल किया है। आज दुनिया की टॉप 30 टायर प्रोड्यूसर्स में इंडिया की पांच कंपनियां शामिल हैं। इस टायर बिजनेस को इंडिया में शुरू किया मद्रास रबर फैक्ट्री (MRF) ने।
MRF की शुरुआत और सफलता की कहानी
MRF की कहानी एक गुब्बारा बेचने वाले गरीब इंसान से शुरू होती है। के.एम. ममन मप ने 1946 में एक शेड में गुब्बारे बनाना शुरू किया। कुछ पैसों की व्यवस्था करके, उन्होंने सड़कों पर और दुकानों पर गुब्बारे बेचना शुरू किया। इस मुश्किल दौर में उनकी पत्नी कुंजम्मा ने भी उनका साथ दिया और इस तरह मद्रास रबर फैक्ट्री यानी MRF की नींव पड़ी।
1952 में के.एम. ममन ने टायर रिट्रेडिंग के बारे में सीखा और 1961 में MRF ने कम्प्लीट टायर बनाने का फैसला किया। उन्होंने अमेरिका की कंपनी Mansfield के साथ टाईअप किया और टायर बनाना शुरू किया। उसी साल MRF को स्टॉक एक्सचेंज में भी लिस्ट कराया गया।
MRF की मार्केटिंग और तकनीकी रणनीति
1964 में MRF ने इंडियन एड इंडस्ट्री के फेमस पर्सनालिटी एलिक पदमसी को हायर किया, जिन्होंने मसल मैन के जरिए MRF को पॉपुलर बना दिया। एलिक पदमसी ने लिरिल साबुन, हमारा बजाज, सर्फ और चार्ली चैपलिन फॉर चेरी ब्लॉसम जैसे सैकड़ों आइकॉनिक ऐड दिए।
1973 में MRF ने नायलॉन टायर्स का इन्वेंशन किया, जो मजबूत और ड्यूरेबल थे। 1988 में Maruti-Suzuki के लॉन्च के बाद, MRF ने पैसेंजर कार टायर्स बनाना शुरू किया और तेजी से ग्रोथ की। 1990 के दशक में, MRF ने अपने बिजनेस को और भी सेक्टर्स में डाइवर्सिफाई किया, जैसे कि स्पोर्ट्स गियर और कन्वेयर बेल्ट्स।
MRF का शेयर प्राइस इतना हाई क्यों है?
MRF का शेयर प्राइस एक समय ₹1 लाख से भी ऊपर चला गया था। इसका मुख्य कारण यह है कि MRF ने अपने शेयर्स को 1970 और 1975 में सिर्फ दो बार स्प्लिट किया और पिछले 50 सालों से उनके शेयर्स के दाम बढ़ते ही गए। कंपनी ने लिक्विडिटी को कम रखते हुए लॉयल इन्वेस्टर्स को अपने साथ बनाए रखा।
कंपनी के प्रॉफिट बढ़ने के साथ-साथ उसके शेयर का दाम भी बढ़ता गया। शेयर स्प्लिट करने के बजाय, MRF ने अपने शेयर प्राइस को हाई बनाए रखा ताकि सट्टेबाज महंगे शेयरों से दूर रहें। यही कारण है कि MRF का शेयर प्राइस आज भी हाई है।
MRF के शेयर प्राइस की वर्तमान स्थिति (7 जून, 2024):
अवधि | ओपनिंग प्राइस (INR) | हाई प्राइस (INR) | लो प्राइस (INR) | क्लोजिंग प्राइस (INR) | वृद्धि प्रतिशत (%) |
---|---|---|---|---|---|
1 दिन | 1,26,132.05 | 1,27,450.00 | 1,25,801.50 | 1,27,200.00 | 0.85% |
1 महीना | 1,26,132.05 | 1,27,450.00 | 1,25,801.50 | 1,27,200.00 | 0.41% |
6 महीने | 1,26,132.05 | 1,27,450.00 | 1,25,801.50 | 1,27,200.00 | 7.84% |
1 साल | 1,26,132.05 | 1,27,450.00 | 1,25,801.50 | 1,27,200.00 | -1.72% |
MRF के शेयर की वार्षिक स्थिति (2023-2024):
- ओपनिंग प्राइस: ₹1,26,132.05
- क्लोजिंग प्राइस: ₹1,27,200.00
- हाई प्राइस: ₹1,27,450.00
- लो प्राइस: ₹1,25,801.50
- वार्षिक वृद्धि: -1.72%
MRF का शेयर प्राइस लंबे समय से बढ़ता जा रहा है क्योंकि कंपनी ने अपने शेयर्स को स्प्लिट नहीं किया और इसे हाई प्राइस बनाए रखा ताकि सट्टेबाज दूर रहें। इससे लॉयल इन्वेस्टर्स को फायदा होता है और कंपनी की स्थिरता भी बनी रहती है।
MRF के शेयर कैसे खरीदें ? How To Buy MRF Shares
अगर आप MRF के शेयर खरीदना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको एक डीमैट अकाउंट की जरूरत होगी। डीमैट अकाउंट ओपन करने के लिए आप किसी भी भरोसेमंद ब्रोकर के पास जा सकते हैं। MRF के शेयर खरीदने के लिए आपको इन स्टेप्स को फॉलो करना होगा:
डीमैट अकाउंट खोलें: किसी भी रजिस्टर्ड ब्रोकर के पास जाकर डीमैट अकाउंट खोलें।
फंड्स ट्रांसफर करें: अपने डीमैट अकाउंट में फंड्स ट्रांसफर करें।
शेयर खरीदें: ब्रोकर की ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर जाकर MRF के शेयर खरीदें।
इंडियन टायर इंडस्ट्री में अन्य प्रमुख कंपनियाँ
MRF के बाद, 1954 में बालकृष्ण टायर्स (BKT), 1972 में अपोलो टायर्स और 1977 में JK टायर्स ने टायर मैन्युफैक्चरिंग का काम शुरू किया। 1982 में RPG ग्रुप ने इटली की कंपनी CEAT को एक्वायर किया। इसके अलावा TVS भी टायर मैन्युफैक्चरिंग के फील्ड में है, जो टू व्हीलर टायर्स पर फोकस रखती है।
Conclusion
MRF की जर्नी एक प्रेरणादायक कहानी है। के.एम. ममन मप के संघर्ष और दृढ़ संकल्प ने MRF को ग्लोबल टायर इंडस्ट्री में एक प्रमुख खिलाड़ी बना दिया। MRF की सफलता का रहस्य उनकी गुणवत्ता, मार्केटिंग रणनीति और निरंतर तकनीकी उन्नति में निहित है। अगर आप भी MRF के शेयर में निवेश करना चाहते हैं, तो जल्द ही एक डीमैट अकाउंट खोलें और इस सफल कंपनी का हिस्सा बनें।
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