नई दिल्ली – जून में अब तक विदेशी निवेशकों (FPIs) ने भारतीय शेयर बाजार से ₹8000 करोड़ से अधिक की निकासी की है, जबकि घरेलू निवेशकों ने ₹6864 करोड़ की खरीदारी की। 4 जून को एफपीआई ने एक ही दिन में ₹12436 करोड़ की बिकवाली की, जो एक दिन में सबसे अधिक है। इसके बाद 5 जून को ₹5656 करोड़ और 6 जून को ₹867 करोड़ की बिकवाली की गई।
मार्केट की मौजूदा स्थिति
अभी हाल ही में हुए चुनाव और रिजर्व बैंक की नई पॉलिसी ने बाजार में थोड़ी स्थिरता लाई है। सेंसेक्स वापस 76000 के पास पहुंच गया है। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार के गठन की तैयारी और रिजर्व बैंक की पॉलिसी में किसी बड़े बदलाव के न होने से बाजार को राहत मिली है। आरबीआई की पॉलिसी में भारत के आर्थिक विकास दर में बढ़ोतरी का संकेत था, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा है।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली
हालांकि, विदेशी निवेशकों का भरोसा भारतीय अर्थव्यवस्था पर पूरी तरह से नहीं बन पाया है। वे अभी भी बाजार को शॉर्ट कर रहे हैं और उन्हें भारतीय बाजार की स्थिरता पर संदेह है। चुनाव परिणाम आने के बाद भी विदेशी निवेशकों ने बिकवाली की और वे आज भी बाजार में शॉर्ट पोजीशन बनाए हुए हैं।
घरेलू और विदेशी निवेशकों का अलग-अलग नजरिया
इस बार बाजार में एक नई प्रवृत्ति देखने को मिली है जहां घरेलू और विदेशी निवेशक अलग-अलग रणनीति अपना रहे हैं। घरेलू निवेशक जहां खरीदारी कर रहे हैं, वहीं विदेशी निवेशक बिकवाली कर रहे हैं। इसका मुख्य कारण है कि विदेशी निवेशकों को अमेरिकी बॉन्ड मार्केट से बेहतर रिटर्न मिल रहे हैं और वे वहां निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं।
आगे की रणनीति
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती नहीं करता, विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में सक्रिय नहीं होंगे। इसके अलावा, भारत में नई सरकार के काम करने के तरीके पर भी विदेशी निवेशकों की नजर होगी।
फिलहाल, भारतीय बाजार में स्थिरता और संभावनाओं के बीच घरेलू निवेशक सक्रिय हो रहे हैं, जबकि विदेशी निवेशक सावधानी बरत रहे हैं।
आगे की जानकारी के लिए हमारे साथ बने रहें और अपने विचार कमेंट सेक्शन में साझा करें।